मंगलवार, 23 दिसंबर 2008


सूचना का अधिकार (Right to Information Act)
सरकार द्वारा किए गए कार्यों व धन के खर्च बारे सूचना पाना जो पहले असंभव हुआ करता था, आज हर आदमी के बस की बात हो चुका है।इस अधिकार का प्रयोग सभी नागरिक कर सकते हैं, यहाँ तक कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाला व्यक्ति भी अपने अधिकारों कि लड़ायी के लिए जानकारी और आँकड़े जुटा सकता है।हमारे देश में अक्सर यह विडम्बना रही है कि कानून तो बन जाते हैं पर आमजन उसके बारे में कुछ नही जानता और इस प्रकार वो बनाबनाया कानून बेमानी हो जाता है। इस अधिकार को जन-साधारण तक पहुँचाने के लिए देसी इंडिया नामक हमारी संस्था प्रयासरत है. तो आइये जानें कि क्या है ये सूचना का अधिकार और कैसे इसका प्रयोग किया जाए.
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 :-
सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है जो 12 अक्तूबर, 2005 को लागू हुआ (15 जून, 2005 को इसके कानून बनने के 120 वें दिन)। भारत में भ्रटाचार को रोकने और समाप्त करने के लिये इसे बहुत ही प्रभावी कदम बताया जाता है। इस नियम के द्वारा भारत के सभी नागरिकों को सरकारी रेकार्डों और प्रपत्रों में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। जम्मू-कश्मीर को छोडकर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है।
सूचनाऍ कहाँ से मिलेंगी ?-केन्द्र सरकार,राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन के हर कार्यालय में लोक सूचना अधिकारियों को नामित किया गया है। लोक सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह जनता को सूचना उपलब्ध कराएं एवं आवेदन लिखने में उसकी मदद करें।कौन सी सूचनाऍ नही मिलेंगी ?-जो भारत की प्रभुता, अखण्डता, सुरक्षा, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों व विदेशी संबंधों के लिए घातक हो।-जिससे आपराधिक जाँच पड़ताल,अपराधियों की गिरफ्तारी या उन पर मुकदमा चलाने में रुकावट पैदा हो।-जिससे किसी व्यक्ति का जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाए -जिससे किसी व्यक्ति की निजी जिन्दगी में दखल-अंदाजी हो और उसका जनहित से कोई लेना देना ना हो।स्वयं प्रकाशित की जाने वाली सूचनाऍ कौन सी है ?-हर सरकारी कार्यालय की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने विभाग के विषय में निम्नलिखित सूचनाऍ जनता को स्वयं दें-अपने विभाग के कार्यो और कर्तव्यों का विवरण । -अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम, शक्तियां एवं वेतन । -विभाग के दस्तावेजों की सूची । -विभाग का बजट एवं खर्च का ब्यौरा। -लाभार्थियों की सूची, रियायतें और परमिट लेने वालों का व्यौरा। -लोक सूचना अधिकारी का नाम व पतासूचना पाने की प्रक्रिया क्या है?-सूचना पाने के लिए सरकारी कार्यालय में नियुक्त लोक सूचना अधिकारी के पास आवेदन जमा करें । आवेदन पत्र जमा करने की पावती जरुर लें । -आवेदन पत्र के साथ निर्धारित फीस देना जरुरी है । -प्रतिलिपि/नमूना इत्यादि के रुप मे सूचना पाने के लिए निर्धारित शुल्क देना जरुरी हैसूचना देने की अवधि क्या है ?-सूचनाऍ निर्धारित समय में प्राप्त होंगी -साधारण समस्या से संबंधित आवेदन 30 दिन -जीवन/स्वतंत्रता से संबंधित आवेदन 48 घंटे -तृतीय पक्ष 40 दिन -मानव अधिकार के हनन संबंधित आवेदन 45 दिनसूचना पाने के लिए आवेदन कैसे बनाऍ ?-लोक सूचना अधिकारी, विभाग का नाम एवं पता । -आवेदक का नाम एवं पता । -चाही गई जानकारी का विषय । -चाही गई जानकारी की अवधि । -चाही गई जानकारी का सम्पू्र्ण विवरण । -जानकारी कैसे प्राप्त करना चाहेंगे-प्रतिलिपि /नमूना/लिखित/निरिक्षण । -गरीबी रेखा के नीचे आने वाले आवेदक सबूत लगाएं । -आवेदन शुल्क का व्यौरा-नकद, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चैक या पोस्टल ऑडर । -आवेदक के हस्ताक्षर, दिनांक ।सूचना न मिलने पर क्या करे ? -यदि आपको समय सीमा में सूचना नहीं मिलती है, तब आप अपनी पहली अपील विभाग के अपीलीय अधिकारी को, सूचना न मिलने के 30 दिनों के अन्दर कर सकते हैं । -निर्धारित समय सीमा में सूचना न मिलने पर आप राज्य या केन्द्रीय सूचना आयोग को सीधा शिकायत भी कर सकते हैं । -अगर आप पहली अपील से असंतुष्ट है तब आप दूसरी अपील के फैसले के 90 दिनों के अन्दर राज्य या केन्द्रीय सूचना आयोग को कर सकते हैं ।सूचना न देने पर क्या सजा है ?लोक सूचना अधिकारी आवेदन लेने से इंकार करता है, सूचना देने से मना करता है या जानबुझकर गलत सूचना देता है तो उस पर प्रतिदिन रु। 250 के हिसाब से व कुल रु. 25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता हैअपील कैसे करे ?-अपीलीय अधिकारी, विभाग का नाम एव पता।-लोक सूचना अधिकारी जिसके विरुद्ध अपील कर रहे हैं उसका नाम व पता । -आदेश का विवरण जिसके विरुद्ध अपील कर रहे हैं । -अपील का विषय एवं विवरण । -अपीलीय अधिकारी से किस तरह की मदद चाहते हैं । -किस आधार पर मदद चाहते हैं । -अपील करने वाले का नाम, हस्ताक्षर एवं पता । -आदेश , फीस, आवेदन से संबंधित सारे कागजात की प्रतिलिपि-सूचना पाने के लिए निर्धारित शुल्कविवरण केन्द्र सरकारआवेदन शुल्क रु. 10/-अन्य शुल्क ए-4 या ए-3 के कागज के लिए रु. 2/ प्रति पेजबड़े आकार का कागज/नमूना के लिए वास्तविक मूल्यफ्लापी या सीडी के लिए रु. 50/-रिकार्ड निरिक्षण का शुल्क पहला घंटा -नि.शुल्क, तत्पश्चात हर घंटे के लिए रु. 5/-अदायगी नकद / बैंक ड्राफ्ट / बैंकर्स चैक / पोस्टल आडर्र के रुप मेंनोट: गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को कोई शुल्क नही देना पड़ता हैंज्यादा जानकारी के लिये पता है और वेबसाईट भी हैकेन्द्र सूचना आयोग ब्लाँक न. 4, पाँचवी मंजिल, पुराना जे.एन.यू. कैम्पस,नई दिल्ली-110 067, वेबसाइट: cic.gov.in , फोन/फैक्स -011-26717354आप भारत का राजपत्र भी देख सकते हैं

3 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

bahut Achhi bat likhi aap ne.........

KK Yadav ने कहा…

Very informative Post..badhai !!
______________________________
गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!

Science Bloggers Association ने कहा…

आपके ब्लॉग पर पहली बार आया हूं, अच्छा लगा यहां आकर।
----------
सम्मोहन के यंत्र
5000 सालों में दुनिया का अंत