
जो धर्म मानवता का सम्मान न कर सके वो धर्म नही, बल्कि एक ढकोसला मात्र है, जो कि लोगो को वरग्लाता है।
उन्होने शायराना अंदाज़ मे कहा कि:-
नही ब्रहामन, नही अछूत
मानव-मानव एक समान
सब हैं, आदम की संतान
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