गुरुवार, 31 जनवरी 2008


"हम किधर जा रहे हैं" के शीर्षक से सफीदों मे हुई विचार-गोष्ठी मे दिल्ली से आये युवा विचारक अली मोहम्मद फलाही ने अपने विचार यूं प्रकट किये:-

जो धर्म मानवता का सम्मान न कर सके वो धर्म नही, बल्कि एक ढकोसला मात्र है, जो कि लोगो को वरग्लाता है।

उन्होने शायराना अंदाज़ मे कहा कि:-
नही ब्रहामन, नही अछूत
मानव-मानव एक समान
सब हैं, आदम की संतान

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